जबलपुर के मेडिकल अस्पताल की खुली पोल, खून नहीं मिलने से मरीज़ की हुई मौत , भरी ठंड में शव लेकर परिजन खड़े थे अस्पताल के बाहर

 


जबलपुर के मेडिकल अस्पताल की खुली पोल ,  खून नहीं मिलने से मरीज़ की हुई मौत , भरी ठंड में शव लेकर परिजन खड़े थे अस्पताल के बाहर

मृतक को बीमारी के चलते नरसिंहपुर से जबलपुर के मेडिकल अस्पताल किया गया था रेफर

पुलिस स्टाफ और मेडिकल कालेज में बने प्रीपेड एम्बुलेन्स संचालक बने भगवान


जबलपुर । जबलपुर में सड़क हादसे में होने वाले एक्सीडेंट और गंभीर बीमारियों में समय रहते खून न मिलने और उसकी कमी के चलते होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए पुलिस स्टाफ हो या फिर एनसीसी और कई ऐसी एनजीओ सभी रक्त दान करने बड़ी संख्या में आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है और बड़ी मात्रा में ब्ल्ड बैंकों में ब्ल्ड जमा करवा रहे है । इन सबके बीच एक ऐसा वाक्या जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में सामने आया जहां मानवता की सारी हदों को पार कर शर्मसार कर दिया गया । 


सरकारी अस्पतालों की खुली पोल

जबलपुर में बड़ी संख्या में ब्ल्ड डोनर ब्ल्ड डोनेट करते है और ऐसी कई संस्थाएं है जो अस्पतालों के ब्ल्ड बैंकों में ब्ल्ड जमा करवाते है ताकि गंभीर हालत में आए मरीजों को बिना परेशानी के आसानी से सरकारी अस्पतालों में खून उपलब्ध करवाया जा सके ताकि उनकी जान बचाई जा सके पर इस घटना के बाद सरकारी अस्पतालों की पोल खुल गई जहां एक गरीब परिवार के सदस्य को खून की कमी के चलते अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया । जबलपुर के सबसे बड़े  अस्पताल मेडिकल में ब्ल्ड की कमी के चलते हुई मौत एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है ? जिम्मेदार इस घटना की ओर कितना ध्यान देते है यह देखने का विषय है ।

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नरसिंहपुर जिले के करेली से एक व्यक्ति को इलाज के लिए जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोर्ड मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया था इलाज के दौरान पीड़ित की खून न मिलने के कारण मौत हो गई । बताया जा रहा है कि करेली निवासी नर्मदा प्रसाद को बीमारी के चलते नरसिंहपुर से जबलपुर इलाज के लिए रेफर किया गया था जहां अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा इलाज के दौरान मरीज़ के शरीर में खून की कमी होना बताया गया परन्तु नर्मदा प्रसाद के परिजन खून का इंतेज़ाम नहीं कर सके जिसके चलते नर्मदा प्रसाद की इलाज के दौरान मौत हो गई ।


मृतक के परिजनों के पास शव ले जाने नहीं थे पैसे

मेडिकल अस्पताल में इलाज के दौरान हुई नर्मदा प्रसाद की मौत के बाद परिजनों का यह हाल था कि उनके पास मृतक का शव ले जाने तक के पैसे नहीं थे , वो तो भला हो गढ़ा थाना पुलिस स्टाफ और मेडिकल कालेज में बने प्रीपेड एम्बुलेन्स संचालको का जो भगवान बनकर परिजनों की पीड़ा देख आगे आए और मृतक के शव को करेली भिजवाते हुए दुखी परिजनों को पैसे देते हुए उन्हें घर वापसी रवाना किया गया ।

पुलिस का कहना


वही मौके पर पहुंची गढ़ा थाने के स्टाफ ने देखा की रात के वक्त एक परिवार के सदस्य मेडिकल कॉलेज परिसर के बाहर भरी ठंड में सड़क पर शव रख विलाप कर रहे है तो पुलिस को देखा नहीं गया और उन्होंने मृतक के परिजनों से बातचीत की तब जाकर उन्हें यह जानकारी लगी कि मृतक बहुत ही गरीब परिवार से है जो शव ले जाने में सक्षम नहीं था जिसकी मदद करते हुए मानवता का फ़र्ज़ अदा कर उनकी घर वापसी की गई । 

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